सांसों की बदबू से हम अक्सर शर्मिंदा महसूस करते हैं। यह समस्या तभी होती है जब आप ठीक से ब्रश नहीं करते हैं। यह बदबू समय के साथ बढ़ सकती है। सांसों की दुर्गंध के और भी कई कारण हो सकते हैं, जैसे मुंह सूखना, बैक्टीरियल इंफेक्शन, टॉन्सिलाइटिस, मुंह का कैंसर, फेफड़े या गले का संक्रमण या कोई अन्य समस्या। आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का उपयोग
अक्सर सांसों की दुर्गंध से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है।
आयुर्वेदिक माउथवॉश
इस समस्या का नंबर एक समाधान एक काढ़ा है और प्राकृतिक माउथवॉश के रूप में उपयोग किया जाता है। यह माउथवॉश अश्वगंधा, मुलेठी, अदरक, पीपल, इमली, गुडुची, तुलसी को मिलाकर बनाया जाता है। आप इस माउथवॉश को एक हफ्ते तक स्टोर कर सकते हैं। इसे एयरटाइट कंटेनर में रखकर दिन में 2 से 3 बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
लौंग और इलायची का काढ़ा इस तरह बनाइए
सांसों की दुर्गंध से छुटकारा पाने के लिए लौंग और इलायची का काढ़ा पिएं। 2 गिलास पानी में अदरक, लौंग, इलायची और अदरक मिलाएं। जब पानी उबलकर आधा रह जाए तो पानी को छान लें और एक गिलास में निकाल लें। लौंग और इलायची का काढ़ा पेट संबंधी समस्याओं, सांसों की दुर्गंध आदि के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है।
त्रिफला घर पे इस तरह बना सकते है
त्रिफला जल और आंवला, हरड से सांसों की दुर्गंध दूर करें। इन तीनों जड़ी बूटियों के मिश्रण से बने पदार्थ को त्रिफला कहा जाता है। त्रिफला में विटामिन सी, फक्टोज और लिनोलिक एसिड होता है। त्रिफला चूर्ण बनाकर गर्म पानी में उबालें। इस मिश्रण को छान कर एक बोतल में भर लें। इसे आप एक प्राकृतिक माउथवॉश की तरह काम कर के यह छूटकारा पा सकते है।